Tuesday, September 6, 2011

रंग...

अच्छा है रात का कोई रंग नहीं है 
हर कोई बेरंग है एक सा है इसमें


ये उजालों के ढोंग, रंगों के चोंचलें
अच्छा है कुछ पल थमता है इसमें !


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