Thursday, August 25, 2011

वक़्त!


काश मै वक़्त को रोक पाता
हाथ पकड़ इसका ना छोड़ पाता
पास बैठा कर इसको समझाता
ठहरने में है जो मज़ा उड़ने में नहीं आता! 


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